Thursday 14 April 2011

Some Memories From My College Life

राह देखि थी न जाने कब से, आगे के सपने सजा रखे थे न जाने कब से
बड़े उतावले थे जाने को, जिंदगी का आगला पड़ाव पाने को
पर न जाने क्यूँ दिल मैं आज कुछ और आता है, वक़्त को रूक लेने का जी चाहता है
जिन बातो को लेकर रोते थे, आज उन् बातो पर हंसी आती है
न जाने क्यूँ आज उन् दिनों की याद आती है
कहा करते थे मुश्किल से चार साल सह गए, पर आज न जाने क्यूँ ऐसा लगता है की कुछ पीछे रह गए
कही अन्नकही हजारो बाते रह गयी, न भूलने वाली कुछ यादें रह गयी
मेरी टांग अब्ब कोंन खिचेगा, सिर्फ मेरा सर खाने को कोंन मेरे पीछे भागेगा
जहा दो हज़ार का हिसाब नहीं वह दो दो रुपये के लिए कोंन लडेगा
कोँन रात भर जाग कर साथ पढ़ेगा, कोँन मेरा खाना मुझसे बिना पूछे खायेगा
कोँन मेरे नए नए नाम बनाएगा
मैं बिना मतलब किस्से लडूंगा, बिना किसी बात के किस्से फालतू मैं बकवास करूँगा
कोँन है जो फेल होने पर दिलासा दिलाएगा, कोँन गलती से नंबर आने पर गलिय सुनाएगा
लिम्का किसके साथ पिऊंगा, वो हंसी के पल किसके साथ जिऊंगा
ऐसे दोस्त कहा मिलेंगे जो खाई मैं भी धक्का दे दे और फिर बच्चाने खुद भी कूद जाये
मेरी गज़लों से परेशां कोँन होगा, कभी मुझे लड़की से बात करता देख हैरान कोँन होगा
कोवन कहेगा पंकिज तेरे जोक पर हंसी नहीं आती, कोँन पीछे से बुला के कहेगा, आगे देख भाई
कैरम मैं किसके साथ खेलूँगा, किसके साथ बोरिंग लेकचर झेलूँगा
प्रोफेसर के पे जे पर रॉकचास की तरह कोँन हसेगा, घर जाने वाले से ट्रीट, अब इस चक्कर मैं कोँन फसेगा
मेरे सर्तिफिक्टे को रद्दी कहने की हिम्मत कोँन करेगा, बिना डरे सच्ची राय देने की हिम्मत कोँन करेगा, कह दो दोस्तों कब होग्गा.
दोस्तों के लिए दुबारा प्रोफेसर से कब लड़ पाएंगे, क्या वो दिन वापस आएंगे.
रात को दो बजे पोहा खाने कोँन जायेगा, तीन ग्लास बीअर बिना रुके पिने की शर्त कोँन लागेयेगा.
कोँन मुझे मेरी काबिलियत पुर भरोसा दिलेयेगा, और जयादा उड़ने पर ज़मीन पर लायेगा
कोँन मेरे साथ प्रेस पर आमलेट बनाएगा, और कोँन मेरे साथ गिर्ल्स हॉस्टल जायेगा
कोँन मेरी ख़ुशी मैं सुच मैं खुस होगा, और गम मैं मुझसे भी जयादा दुखी होगा
मेरी ये कविता कोँन पढ़ेगा, और इससे सच मैं समझेगा
बहुत कुछ लिखना अभी बाकी है, कुछ साथ शायद अभी बाकी है
बस इस बात से दर लगता है दोस्तों, जिंदगी के रंग मैं दोस्ती का रंग फीका न पड्ड जाये दोस्तों
जिंदगी मैं मिलनेकी फरियाद करते रहे दोस्तों, अगर न मिल सके तो कम से कम याद करते रहे दोस्तों
चाहे जितना हँसना है हंस लो, आज मैं बुरा नहीं मानूंगा
इस हंसी को आपने दिल मैं बसा लूँगा, जब याद आयेगी तुम्हारी, यह हंसी लेकर थोडा मुस्कुरा लूँगा